रवि सिन्हा: IPS अधिकारी सूर्य सिन्हा देश के अगले रोबोटिक विश्लेषण और विश्लेषण (RAW) बनाए गए हैं। वे मौजूदा प्रमुख सामंत गोयल की जगह लेंगे। सूर्य सिंह छत्तीसगढ़ कादिर के 1988 में लाइट के आईपीएस अधिकारी हैं। अभी तक वे एजेंसी में दूसरे नंबर के अधिकारी हैं। पिछले सात सालों से ऑपरेशनल विंग का नेतृत्व कर रहे थे।
रवि सिन्हा ऐसे महत्वपूर्ण समय में रॉ प्रमुख का पद संभाल रहे हैं, जब मणिकत्रीय लदान से पिछले महीने जातीय संघर्ष की आग में झुलस रहा है तो वहीं सिख उग्रवाद जैसे भी सामने हैं। सामंत गोयल का कार्यकाल 30 जून को समाप्त होगा, जिसके बाद सूर्य सिन्हा दो साल के लिए कार्यभार संभालेंगे।
वीडियो | वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रवि सिन्हा को सामंत कुमार गोयल की जगह नए रॉ प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया। सिन्हा छत्तीसगढ़ कैडर के 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और वर्तमान में कैबिनेट सचिवालय में विशेष सचिव के पद पर कार्यरत हैं। pic.twitter.com/h78WzDnwVX
– प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (@PTI_News) जून 19, 2023
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पॉइंट में जानें रवि सिन्हा कौन हैं?
- रवि सिन्हा बिहार के भोजपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की है।
- वर्ष 1988 में सूर्य सिन्हा ने सत्तासी की परीक्षा पास की और मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस बने।
- 2000 में लुक अटल बिहारी सरकार ने मध्य प्रदेश के खींचे हुए क्षेत्र को काटकर छत्तीसगढ़ में शामिल किया तो सूर्य सिन्हा छत्तीसगढ़ कैडर में शामिल हो गए।
- रवि सिन्हा वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर विशेष सचिव हैं। उनमें जम्मू-कश्मीर, भूत और वामपंथी उग्रवाद जैसे संवेदनशील मुद्दों की गहरी समझ है।
- संयोग से इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख तपन डेका सूर्य सिन्हा के अधिकार में हैं। सूर्य सिन्हा को खुफिया संग्रह के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक को लागू करने का श्रेय दिया जाता है।
सामंत कुमार ने एयर स्ट्राइक का खाका बनाया था
पंजाब कैडर के 1984 के आईपीएस अधिकारी सामंत कुमार गोयल 30 जून को अपराध कर रहे हैं। वे 2001 में एजेंसी में शामिल हुए थे। 2019 में एजेंसी के प्रमुख के पद तक पहुंचे। कार्यकाल में दो विस्तार के साथ उन्होंने चार साल तक रॉ का नेतृत्व किया।
2019 में पाकिस्तान के बालकोट में भारत की सफल एयर स्ट्राइक की योजना बनाने की सलाह दी जाती है।
1968 में रॉ की स्थापना हुई थी
अनुसंधान और विश्लेषण विंग (RAW) की स्थापना 21 सितंबर 1968 को की गई थी। इसका मुख्य काम एलियन इंटेलीजेंस की जानकारी, आतंकवाद का मुकाबला, भारत के एलियन पोजीशन को आगे बढ़ाता है। रॉ की स्थापना से पहले विदेशी खुफिया संग्रह का काम इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) करता था।
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